Monday, 1 October 2018

लाइफस्टाइल डेस्क. जिन बच्चों के माता-पिता वर्किंग होते हैं और बच्चे खुद अपनी चाबी लेकर घर खोलते हैं, उन्हें लैचकी चिल्ड्रेन कहा जाता है। यानी ताला-चाबी वाले बच्चे। ऐसे बच्चे ज्यादातर समय अकेले रहते हैं, सूनेपन को अधिक समय फेस करते हैं। आम बच्चों की तुलना में इनकी परवरिश में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। पेरेंटिंग एक्सपर्ट डॉ. विनय मिश्रा से जानते हैं पेरेंट्स किन बातों का ध्यान रखें...

1. सूचना जरूर दें 

ऐसे बच्चों को ये सख्त हिदायत देनी चाहिए कि वे जब भी घर पहुंचे सबसे पहले अपने पैरेंट्स को कॉल या मैसेज करें। घर में आने के बाद वे अपने काम बाद में करें, लेकिन पहले सूचना दें। पैरेंट्स भी उनके अनुमानित समय पर घर में फोन करके चेक कर सकते हैं। ऐसा व्यवहार बच्चे और पैरेंट्स दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।

2. नंबर्स की सूची रखें

ऐसे बच्चों के पैरेंट्स को अपने घर में दीवार पर एक लिस्ट चस्पा करनी चाहिए। इस लिस्ट में कम से कम 5 ऐसे नंबर्स होने चाहिए, जो जरूरत पड़ने पर बच्चों की सहायता के लिए पहुंच सकें। इनमें कोई पड़ोसी, रिश्तेदार, स्कूल फ्रेंड या अन्य कोई हो सकता है। बच्चों को अपने क्षेत्र के पुलिस स्टेशन का नंबर भी दे दिया जाए तो बेहतर होगा।

3. पूरा पता समझाएं 

आपके बच्चों को अपने घर का एड्रेस समझाने का सरल तरीका मालूम होना चाहिए। भले ही वह अपने घर को जानते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन किसी को अचानक समझाने के लिए उन्हें अपने घर का लैंडमार्क व अन्य स्थान याद होने चाहिए। ये तब मदद करेगा जब वह अकेले कहीं फंस जाएंगे और उन्हें घर पहुंचना होगा।

4.उपकरण चलाना सिखाएं

ऐसे बच्चों को बेहतर तरीके से पता होना चाहिए कि घर में जो भी उपकरण हैं उन्हें कैसे सुरक्षित तरीके से हैंडल किया जाए। कई बार माइक्रोवेव में खाना गर्म करने, गीजर चलाने, प्रेस करने, सीसीटीवी कैमरा देखने या अन्य उपकरण चलाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में इन बच्चों को खासतौर पर गैजेट्स को चलाने की ट्रेनिंग दें और उन्हें इन यंत्रों की प्रैक्टिस कराएं।

5. वादा निभाएं 

घर में अकेले बच्चों के साथ जो भी वादा करें उसे समय से पूरा करें। खासतौर पर आप उन्हें घर पहुंचने का जो भी समय बताएं, उस पर पहुंच जाएं। देर होने की स्थिति में उन्हें सूचित करें। एक छोटे बच्चे के लिए चंद मिनट लेट पहुंचना भी नुकसानदायक हो सकता है। समय की पाबंदी से आपका और उनका विश्वास बढ़ता है।

पड़ोसियों से संबंध 

आपके पड़ोसियों से अच्छे संबंध होने चाहिए। पड़ोसियों को भी इतना अलर्ट होना चाहिए कि वह बच्चों पर निगाह रखते हुए आपको अपडेट करें। उन्हें जासूसी करने का ना कहें, लेकिन बच्चों की जरूरत और उनके साथ कुछ गड़बड़ होने पर सूचित करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह आपके बच्चे का ख्याल रखेंगे।

पेट्स पालें 

एकदम खाली घर में यदि कोई पेट्स होगा तो बच्चों का मन लगा रहेगा। उन्हें घर पहुंचने पर उनका कोई स्वागत करेगा और वे भी उसकी देखरेख में बिजी रहेंगे। पेट्स के होने से बच्चे खुद को सुरक्षित भी महसूस करेंगे और उनका अकेलापन आसानी से कट जाएगा। यह पैरेंट्स को निश्चिंतता देगा। वैसे भी पेट्स के होने से कई असामाजिक तत्व दूरी बनाए रखते हैं।

0 comments:

Post a Comment

Translate